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Geography astronomy notes 2 in hindi

UPSC astronomy notes 2 in hindi आकाशगंगा , मंदाकिनी , प्रॉक्सिमा सेंचुरी , देवयानी ( Andromeda ) , super cluster की संपूर्ण जानकारी उदाहरण सहित।

 
upsc Geography astronomy notes 2 in hindi



 आकाशगंगा ( Galaxy )

ब्रह्मांड में अनंत तारे हैं तारों के समूह को आकाशगंगा कहते हैं एक आकाशगंगा में 100 अरब तारा होते हैं । ब्रह्मांड में आकाशगंगा की कोई कमी नहीं है और ब्रह्मांड में ऐसी और अरब आकाशगंगा (गैलेक्सी ) हैं। और हर आकाशगंगा में उनके पास अपना 100 अरब तारा उनके पास अपना है । हमारी आकाशगंगा को मंदाकिनी कहते हैं।

मंदाकिनी ( Milky way ) 

  • हम जिस आकाशगंगा में रहते हैं उसे कहते हैं मंदाकिनी जिसे इंग्लिश में मिल्की वे कहते हैं इसी को हिंदी में ट्रांसलेट करके और एक नाम " दूध मेखला " के नाम से जाना जाता है।

    - हमारी जो आकाशगंगा का चक्कर हमारा सूर्य काटता है इसकी जो स्पीड है वह 250 km/s (किलो मीटर पर सेकंड) है ! और जैसा कि आपको पता है कि सूर्य का चक्कर पृथ्वी काटती है पृथ्वी पर हम होते हैं इसलिए हम भी करते हैं। और हमारा चक्कर चंद्रमा करती है।

    सूर्य आकाशगंगा को चक्कर काटता है तब उसकी स्पीड 250 km/s होती है इसी स्पीड में एक चक्कर काटने पर उसे 25 करोड़ साल लगते हैं एक चक्कर पूरा करने में हमारी आकाशगंगा के, इसी को कहते हैं ब्रह्मांड वर्ष

    सुपरक्लस्टर ( Super Cluster )

    एक साथ तीन आकाशगंगा को सुपरक्लस्टर कहते हैं । और हमारी सुपरक्लस्टर में भी तीन आकाशगंगा हैं जिसमें 1. मंदाकिनी , 2. देवयानी , 3.  NGC M-33 है।

    प्रॉक्सिमा सेंचुरी (Proxima Century)

    जिस प्रकार सूर्य हमारी सबसे पास का तारा है उसी प्रकार प्रॉक्सिमा सेंचुरी से सबसे पास का तारा है जिसे प्रॉक्सिमा सेंचुरी कहते हैं। यदि हमें प्रॉक्सिमा सेंचुरी में जाना हो तो एक सेकंड में तीन लाख स्पीड में जाना होगा और हम 4 साल बाद पहुंच जाएंगे।

    देवयानी ( Andromeda ) 

    जिस सूर्य के पास का तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी है उसी प्रकार हमारी आकाशगंगा के पास के आकाशगंगा का नाम देवयानी है एंड्रोमेडा कहते हैं  । यदि हमें देवयानी जाना हो तो हमारी स्पीड 300000 प्रति सेकंड होगी और हम 2000000 साल बाद देवयानी पहुंच जाएंगे।
     

    बल्ज ( Balz)

    - आकाशगंगा के केंद्र ( सेंटर ) को बल्ज कहते हैं इसमें अधिकतर ब्लैक होल पाए जाते हैं 
     
    -और इसी में ही सबसे ज्यादा घनत्व पाया जाता है क्योंकि इसमें ब्लैक में पाया जाता है ।
     
    -नए तारे आकाशगंगा के भुजाओं में पाए जाते हैं बाहर की ओर और जो सबसे पुराने तारे हैं जो जिनका ईंधन खत्म होने वाला होता है वह धीरे-धीरे केंद्र की तरफ आने लगते हैं 
     

    -1 दिन खत्म होने पर वह बल्ज मैं आ जाते हैं और बहुत सारे ब्लैक होल वही पाए जाते हैं सभी गैलेक्सी के साथ ऐसा ही होता है।

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