सिंधु सभ्यता की विशेषताएं (Indus valley civilization characteristic in Hindi)
सिंधु सभ्यता की विशेषताएं (Indus valley civilization characteristic in Hindi)
- यह सभ्यता नगरीय या शहरी सभ्यता है कैसे पता चला ?
- सिंधु सभ्यता नगरी या शहरी सभ्यता थी हमें कैसे पता चला क्योंकि सिंधु घाटी की सड़क एक दूसरे समकोण काटती है तथा यह जो सड़क है यह पूरब से पश्चिम दिशा में थी, जिससे हवा द्वारा सड़क स्वयं साफ हो सके। भी नालिया ढकी हुई। ऐसे सभी साक्ष से ही पता चलता है की सिंधू सभ्यता नगरी सभ्यता थी।
- सिंधु सभ्यता एशिया की पहली शहरी सभ्यता है?
- सिंधु सभ्यता को पढ़ा नहीं जा सकता।
- सिंधु सभ्यता के घर के दरवाजे मुख्य मार्ग पर ना होकर घर के पीछे होते थे या बाजू में होते थे। उनका ऐसा मानना था कि उनके बच्चे जो सड़क में आकर कोई हादसा हो सकता था इसलिए मैं मुख्य मार्ग पर नहीं बनाते थे।
- सिंधु सभ्यता का एकमात्र शहर जहां मुख्य मार्ग पर दरवाजा पाया गए हैं वह लोथल है ।
- लोथल के घर में बड़े-बड़े गोदाम पाए गए हैं लोथल में आपको पता है कि यह गोदीवाडा भी पाए गए हैं गोदीवाडा का अर्थ होता है बंदरगाह।
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोथल शहर में एक बाट मिला है जो 16 केजी की है, यदि सिंधु घाटी सभ्यता में कोई भी बात अगर मिलेगी तो मिनिमम वह 16kg की ही होगी उससे कम कि नहीं होगी ।
- इसकी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि था।
- इस सभ्यता का व्यापार विदेशों से होता था, यह सभ्यता में मुहर जो मिली है वह फारस देश का मिला है इसमें व्यापार पारस देश से होता था।
- सिंधु सभ्यता का समाज मातृ सत्तात्मक था ।
- सिंधु सभ्यता के मोहरों में एक सींग वाले जानवर की छाप पाए गए हैं।
- सिंधु सभ्यता के लोग युद्ध तलवार से परिचित नहीं थे।
- सिंधु सभ्यता में गाया या सिंह के चित्र नहीं पाए गए हैं।
- सिंधु सभ्यता में दो धातु की खोज की थी पहली तो तांबा था दूसरा कांसा धातु था सिंधु सभ्यता में एक नृत्य की की कांसा धातु की मूर्ति पाई गई है।
- सिंधु सभ्यता विश्व का पहला कपास का व्यापार करने वाली सभ्यता थी।
- सिंधु सभ्यता के लोग किसी भी प्रकार से लोहे से परिचित नहीं थे।
- सिंधु सभ्यता के लोग कृषि भी करते थे पालतू जानवर भी रहते थे परंतु उनका मुख्य व्यवसाय व्यापार था
- सिंधु सभ्यता के लोग अपने बर्तनों में मिट्टी के बर्तनों में लाल रंग का उपयोग करते थे।
- सिंधु सभ्यता के पतन का मुख्य कारण बाढ़ को माना जाता है
- सिंधु सभ्यता का समाज 4 वर्ग में बटा था।
1. विद्वान
2. श्रमिक
3. योद्धा
4. व्यापारी एवं शिल्पकार
सिंधु सभ्यता की मुहर
सिंधु सभ्यता की मैं जो मुहर मिला है वह फारस देश का मिला है और और जो जो हड़प्पा में मुहर मिली है उसमें सेलखरी का उपयोग किया गया है यह सेलखरी एक तरह का पत्थर का बना होता है।
बात करें इसमें जो सिक्का पाया जाता था वह किसका बना होता था तो वह टेराकोटा का बना होता था टेराकोटा एक प्रकार का पक्की मिट्टी होती है ।
सिंधु सभ्यता की लिपि
सिंधु सभ्यता की लिपि भाव चित्रात्मक थी, (भाव चित्रात्मक का अर्थ होता है कि किसी भाषा को चित्र के उपयोग से या सहायता से समझाया जाना किसी वाक्य को) इस लिपि को आज तक पढ़ा नहीं गया हैं यह लिपि को बाएं से अदाएं पढ़ा जाता था ,हमारी जो हिंदी भाषा जो है आपको पता है कि वह बाएं से दाएं पढ़ा जाता है हिंदी भाषा से उल्टी थी।
विदेशी व्यापार किन किन देशों से होता है-
सिंधु सभ्यता के पतन का कारण -
विद्वान | पतन का करण |
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गार्डन चाइल्ड एंड व्हीलर | बाहरी एवम आर्यों के आक्रमण |
एम. आर. साहनी | भूतात्विक परिवर्तन/ जलप्लावन |
जॉन मार्शल अनेस्ट एवम् एस. आर. राव | बाड़ |
जॉन मार्सल | प्रशासनिक सिथिलता |
के. यू. आर. केनडी | प्राकृतिक आपदा |