1. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ( IMD ) ने हीटवेव अलर्टजारी किया
० IMD के पूर्व अनुमान के अनुसार अप्रैल से जून तक आने वाले महीने में गर्मियों के मौसम के दौरान मध्य भारत ,उत्तर- पश्चिमी भारत, पूर्वी भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय मैदाने इलाकों के हिस्सों में दूसरे जगह की अपेक्षा अधिक हीटवेव होने की संभावना है।
० लू या हीटवेव वास्तव में शुष्क पवने हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत ज्यादा घातक साबित होते हैं।
० आईएमडी हीटवेव की घोषणा तभी करती है जब मैदानी लोग को में 40 डिग्री सेल्सियस , तटीय इलाकों में 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस से जब अधिक हो जाती है।
हीटवेव के लिए अनुकूल दशाएं :
✅ बादल रहित आकाश का होना।
✅ ऊपरी वायुमंडल में नमी का अभाव।
✅ क्षेत्र के ऊपर में उपस्थित प्रति चक्रवात का होना।
✅ किसी भी क्षेत्र में शुष्क पवन का प्रवाहित होना।
हीट वेव्स से निपटने के लिए शुरू की गई महत्वपूर्ण पहले: -
आईएमडी "राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धक प्राधिकरण (NDMA )" से मिलकर संयुक्त रूप से कलर कोड आधारित संबंधित हीट वेव की चेतावनी देते हैं।
इसमें ग्रीन अलर्ट ( कार्यवाही करने की जरूरत नहीं ) इसमें , रेड अलर्ट ( कार्यवाही करने की ) , ग्रीन अलर्ट ( अपडेट रहे ) ऑरेंज कलर तैयार रहे ।
2.भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने विधिवत विकासात्मक और विनयात्मक नीतिगत उपाय दिए
भारतीय रिजर्व बैंक ने मैट्रिक नीति समिति (MPC)की बैठक के बाद विधिवत नीति उपाय को दिए
उपाय
आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना - मोबाइल ऐप की शुरुआत
आरबीआई ने रिटेल डायरेक्ट योजना की शुरुआत 2021 में शुरू की इस योजना से लोग अपना व्यक्तिगत इन्वेस्टमेंट गिल्ट अकाउंट ओपन कर और सरकारी प्रवृत्तियों में निवेश कर सकते हैं।
यूपीआई (UPI) के जरिए नगर जमा (कैश डिपॉजिट) की सुविधा
1.वर्तमान में नगर जमा की सुविधा केवल डेबिट कार्ड के जरिए संभवहै।
2.UPI यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस तत्काल रियल टाइम पेमेंट आधारित भुगतान है। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम( NPCI )ने बनाया है। यह एक बैंक से दूसरे बैंक में लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।
गैर बैंकिंग भुगतान प्रणाली ऑपरेटर के माध्यम से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC ) का विवरण।
3. वर्तमान में सीबीडी रिटेल और सीबीडी होलसेल के लिए पायलट के लिए परियोजना चल रही है।
4.सीबीडीसी केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी का वर्जन है
5.CBDC को eरु कहा जाता है ।
3.फंडीगिरी (तेलंगाना)
तेलंगाना के हेरिटेज विभाग ने सूर्यपेट जिले के ( तेलंगाना) फनी गिरी स्थल पर इक्ष्वाकु काल के सिक्कों का भंडार पाया गया है।
फड़ीगिरी के बारे में
०फनीगिरी का अर्थ होता है सांप के फन के आकार का पहाड़ी।
० यह एक बौद्ध स्थल है तथा हैदराबाद से लगभग 110 से 120 किलोमीटर दूर स्थित है।
उत्खनन के दौरान यहां पर मिला पूरा अवशेष किस प्रकार है
महास्तूप , चत्य गृह , विहार , बोधिसत्वो के मूर्तिया , इक्ष्वाकु काल और सातवाहन काल की प्राप्त ब्रह्म लिपि के अभिलेख ( दूसरी तीसरी शताब्दी के )
० इस जगह एक तोरण सजावटी प्रवेश द्वार की खोज की गई है जिसके पैनल से पता चलता है कि यहां महायान तथा हीनयान दोनों बोध संप्रदाय साथ में रहते थे।
4.प्रोजेक्ट आकाशतीर
प्राप्त जानकारी के अनुसार , भारतीय थल सेना "प्रोजेक्ट आकाशतीर" के तहत स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण तथा रिर्पोटिंग सिस्टम शामिल करने की पहल शुरू की है। इस प्रोजेक्ट की सहायता से इनका उद्देश्य वायु रक्षा क्षमता में वृद्धि करना है ।
प्रोजेक्ट आकाश तीर के बारे में
० यह स्वदेशी तथा अत्यधिक क्षमता रखने वाला प्रोजेक्ट है।
० इस ( BEL )भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड ने विकसित किया है।
० इसकी सहायता से सेना निचले स्तर से ऊपरी हवाई स्तर की निगरानी कर सकेगी। यह भूमि आधारित रक्षा प्रणाली को और सक्षम ढंग से प्रभावित करने में सहायक होगी।
5.जेलीफिश ब्लूम / पर्पल जेलीफिश
हाल ही में विशाखापट्टनम के तट पर अत्यधिक संख्या में जेलीफिश की उपस्थिति देखी गई है इसे जेलीफिश ब्लूम कहा गया है।
० जेलीफिश ब्लूम का मुख्य कारण समुद्री जल में तापमान में भिन्नता हो सकती है वैज्ञानिकों के अनुसार ।
जेलीफिश ब्लूम ( पेलेगिया नोक्तिलुका ) के बारे में
- यह दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय तथा गर्म तापमान वाले समुद्री क्षेत्र में पाई जाती है ।
- यह बायोलुमीनसेट है । इसका मतलब है कि यह अंधेरे में रोशनी पैदा करती है।
- इसके डंक से विविध प्रकार की बीमारियां हो सकती है:- दस्त , अत्यधिक दर्द , उल्टी आना और एनाफिलैक्टिक शौक।